
सांवली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया मेरा दिल दीवाना हो गया
सांवली
एक तो तेरे नैन तिरछे दूसरा काजल लगा
तीसरा नज़रें मिलाना दिल दीवाना हो गया
सांवली
एक तो तेरे होंठ पतले दूसरा लाली लगी
तीसरा तेरा मुस्कुराना दिल दीवाना हो गया
सांवली
एक तो तेरे हाथ कोमल दूसरा मेहँदी लगी
तीसरा बंसी बजाना दिल दीवाना हो गया
सांवली
एक तो तेरे पाँव नाज़ुक दूसरा पायल बंधी
तीसरा घुंघरू बजाना दिल दीवाना हो गया
सांवली
एक तो तेरे भोग छप्पन दूसरा माखन धरा
तीसरा खिचड़े का खाना दिल दीवाना हो गया
सांवली
एक तो तेरे साथ राधा दूसरा रुक्मण खड़ी
तीसरा मीरा का आना दिल दीवाना हो गया