श्री सतगुरु जी भगती के खजाने बेठे खोल के

Hindi Ke Bhajan

श्री सतगुरु जी भगती के खजाने बेठे खोल के,
हारा वाले दाता जी खजाने बैठे खोल के।।

खजाने बेठे खोल के,खजाने बेठे खोल के
श्री सतगुरु जी भगती के खजाने बेठे खोल के।।

सब से प्यारे दाता का, दरबार यहा सजा है ,
आने वाले आजा रे, तेरा भाग्ये जगा है।।

सोये हुए भाग जगाते है बेमोल के,
मेरी हारा वाले सरकार,खजाने बेठे खोल के।।

निर्धनों को रोज यहा धनवान बनाते है,
कुटियो में रहने वालो के मेहल बनाते है।।

दुःख में रहने वालो का भी साथ नही छोड़ ते,
मेरी हारा वाले सरकार,खजाने बेठे खोल के।।

सेवक को जो सेवा का ऐसा वरदान भी देते है,
उसे भगती की लहरो का, जो इक तूफ़ान भी देते है।।

पतवार चलाते है भवपार लगाते है,
मेरी हारा वाले सरकार,खजाने बेठे खोल के।।

श्री सतगुरु जी भगती के खजाने बेठे खोल के,
हारा वाले दाता जी खजाने बैठे खोल के।।

खजाने बेठे खोल के,खजाने बेठे खोल के
श्री सतगुरु जी भगती के खजाने बेठे खोल के।।

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