
श्याम मुझे रख लेना दरबारी
चरण सेवक तेरा कहलाऊँ खाटू के दातारी
श्याम मुझे रख लेना दरबारी …………..
भोर वेला उठ तुम्हे जगाऊँ
गंगा जल स्नान कराऊँ
नित नया बागा पहनकर जायंट तेरे बलिहारी
श्याम मुझे रख लेना दरबारी …………..
आँगन पलकों से मैं बुहारूं
सामने बैठ के तुम्हे निहारूं
तुझ जैसा सेठ ना कोई ना तुझ सी सरकारी
श्याम मुझे रख लेना दरबारी …………..
दिल में गौरव के वास है तेरा
दिल में भक्तों के वास है तेरा
मैं हूँ तेरा तू है मेरा ]
रूद्र को चरणों से लगाकर
मुझको चरणों से लगाकर दे दो सेवादारी
श्याम मुझे रख लेना दरबारी …………..