श्याम तेरी यमुना का पानी करे शोर

श्याम तेरी यमुना, का पानी करे शोर,
श्याम तेरी यमुना, का पानी करे शोर,
बंसी बजे जब तेरी, तब व्रज में नाचे मोर।।

गोकुल पधारो कान्हा, ढूँढे तेरी गैया,
गोपियाँ भी सुनी हो गई , सुनी तेरी मैया,
मन ही मन निहारे, जैसे चंदा को चकोर,
बंसी बजे जब तेरी, तब व्रज में नाचे मोर।।

गोपियों की प्रीत जैसे, यमुना की धारा ,
तुम्ही हो सागर कान्हा, तुम्ही हो किनारा,
लीला तेरी ऐसी के चले ना कोई ज़ोर,
बंसी बजे जब तेरी, तब व्रज में नाचे मोर।।

Shyam Teri Yamuna Ka Paani Kare Shor
Bansi Baje Jab Teri Tab Braj Mein Naache Mor

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