
सो जाओ सपनो में मेरे श्याम तुम्हे देखू
ऊँचा सा छीका हो छीके में मटकी हो
माखन को चुराते हुए तुम्हे देखू
मेरे श्याम तुम्हे देखू मेरे श्याम तुम्हे देखू
मेरे श्याम तुम्हे देखू घन श्याम तुम्हे देखू
सो जाऊ सपनो में मेरे श्याम तुम्हे देखू।।
सपनो में मेरे श्याम तुम्हे देखू।।
वृन्दावन गलियों में कान्हो की टोली हो
वह गौओ चराते हुए मेरे श्याम तुम्हे देखू
मेरे श्याम तुम्हे देखू मेरे श्याम तुम्हे देखू
मेरे श्याम तुम्हे देखू घन श्याम तुम्हे देखू
सो जाऊ सपनो में मेरे श्याम तुम्हे देखू।।
सावन का महीना हो रिमझिम फुहारों हो
घन घोर घटाओ में मेरे श्याम तुम्हे देखू
मेरे श्याम तुम्हे देखू मेरे श्याम तुम्हे देखू
मेरे श्याम तुम्हे देखू घन श्याम तुम्हे देखू
सो जाऊ सपनो में मेरे श्याम तुम्हे देखू।।
फागुन का महीना हो संग राधा कृष्णा हो
और रंग उड़ाते हुए मेरे श्याम तुम्हे देखू
और रंग उड़ाते हुए मेरे श्याम तुम्हे देखू
मेरे श्याम तुम्हे देखू मेरे श्याम तुम्हे देखू
मेरे श्याम तुम्हे देखू घन श्याम तुम्हे देखू
सो जाऊ सपनो में मेरे श्याम तुम्हे देखू।।
यमुना का किनारा हो बीच में राधा हो
वह चीर चुराते हुए मेरे श्याम तुम्हे देखू
मेरे श्याम तुम्हे देखू मेरे श्याम तुम्हे देखू
मेरे श्याम तुम्हे देखू घन श्याम तुम्हे देखू
सो जाऊ सपनो में मेरे श्याम तुम्हे देखू।।
मझधार में नैया हो मेरा श्याम खिवैया हो
भाव लागते हुए मेरे श्याम तुम्हे देखू
मेरे श्याम तुम्हे देखू मेरे श्याम तुम्हे देखू
मेरे श्याम तुम्हे देखू घन श्याम तुम्हे देखू
सो जाऊ सपनो में मेरे श्याम तुम्हे देखू।।