
सुन बरसाने वाली मुझे तो कान्हा से मिला दे रे
ओ बरसाने वाली हमे तो कान्हा से मिला दे रे
ना चाहिए मुझे महल दू महल रे
ब्रज में कुटिया बना दे रे
ओ बरसाने वाली हमे तो कान्हा से मिला दे रे
सुन बरसाने वाली मुझे तो कान्हा से मिला दे रे।।
ना चाहिए माथे पे टीका
चन्दन का तिलक लगा दे रे
मुझे कान्हा से मिला दे रे
ओ बरसाने वाली हमे तो कान्हा से मिला दे रे
सुन बरसाने वाली मुझे तो कान्हा से मिला दे रे।।
ना चाहिए मुझे कानो में झुमके
गुरु ज्ञान दिलवा दे रे
मुझे कान्हा से मिला दे रे
ओ बरसाने वाली हमे तो कान्हा से मिला दे रे
सुन बरसाने वाली मुझे तो कान्हा से मिला दे रे।।
ना चाहिए मुझे गले में हरवा
गले में तुलसी की माला पहना दे
मुझे अपने कान्हा से मिला दे रे
ओ बरसाने वाली हमे तो कान्हा से मिला दे रे
सुन बरसाने वाली मुझे तो कान्हा से मिला दे रे।।
ना चाहिए मुझे हाथो में कगना
अपने ठाकुर की सेवा करा दे रे
मुझे अपने कान्हा से मिला दे रे
ओ बरसाने वाली हमे तो कान्हा से मिला दे रे
सुन बरसाने वाली मुझे तो कान्हा से मिला दे रे।।
ना चाहिए मेरे पैरो में पयाल
परिकम्मा लगवा दे रे
मुझे अपने कान्हा से मिला दे रे
ओ बरसाने वाली हमे तो कान्हा से मिला दे रे
सुन बरसाने वाली मुझे तो कान्हा से मिला दे रे।।
ना चाहिए मोहे रेशम साड़ी
लाल चुनरिया ओढ़ा दे रे
मुझे अपने कान्हा से मिला दे रे
ओ बरसाने वाली हमे तो कान्हा से मिला दे रे
सुन बरसाने वाली मुझे तो कान्हा से मिला दे रे।।