
रे सुन गोरा बात मेरी मने घोट के भांग पिला दे,
न समझे गोरा बात मेरी चैन जिया ने दिला दे।।
तेरी भांग घोट के हारी तेरी भांग घोट के हारी
हाथा में छाले पड़गए मैं अपने पीहर जा रही
ना समझे गोरा बात मेरी चैन जिया ने दिला दे।।
तेरी गल में सर्प विराजे तू भूता गेला नाचे तेरा डम डम डमरू बाजे
जता में तेरी गंगा है चम चमचंदा साजे
रे सुन गोरा बात मेरी मने घोट के भांग पिला दे।।
सुन गणपति की मेहतरी लुक लुक के पीहर जावे
हाथा में छाल पड़े न पल भर से मिसी लावे
ना जाऊ भोले पीहर मैं चाहे जितनी भांग घुटा ले।।