खोल दो मुक्ति का द्वारा राम अपना लो मुझे

खोल दो मुक्ति का द्वाराराम अपना लो मुझेआज ही दर पर बुला लोकल पर ना टालो मुझे सौ बरस की हो गयीकाय मेरी जार जारीअब नहीं कटती प्रभुजिंदगी काटो भरी चिंता की जलती चितापर भस्म कर डालोखोल दो मुक्ति का द्वाराराम अपना लो मुझे सुहाग की चुडियागिर गयी है टूट करमेरे हाल पे रो रहीदुनिया … Read more