अंगूठी मुझे सच बता दे कहां पर तो छोड़े लक्ष्मण राम

अंगूठी मुझे सच बता दे,कहां पर तो छोड़े लक्ष्मण राम।। एक दिन जनकपुरी दरबार,मार दिए सब राजा के मान,धनुष के तोड़ने वाले,कहां पे तो छोडे लक्ष्मण राम,अंगूठी मुझे सच बता दे,कहां पर तो छोड़े लक्ष्मण राम।। एक दिन गंगा तट के तीर,केवट से मिल रहे दोनों वीर,नाव के खेवन हारे,कहां पर तो छोड़े लक्ष्मण राम,अंगूठी … Read more