ओ अँखियाँ खोल रे शिव भोले मैं हूँ तेरी गोरा
ओ अँखियाँ खोल रे शिव भोले मैं हूँ तेरी गोरा लिरिक्स ओ शिव ध्यानी औघड़ ग्यानीध्यान को छोड़ कर मुझपे कभी तो तू ध्यान देबरसो से बैठी चरणों में तेरेसंग बैठने का मुझको जग में तू मान देजब जब कष्ट हुआ तीन लोक मेंतूने हरा उससे नाथ रेमेरे भी कष्ट को तू हरले भोले मुझको … Read more