अपनी दीवानी को बिरहन बना के
अपनी दीवानी को बिरहन बना के,क्यों तू बुलाया श्याम मथुरा में जा केअपनी दीवानी को बिरहन बना के।। निष् दिन यमुना तट पे बंसी बजाते थेअपनी प्रीत की धुन में पागल बनाते थेशीश जैसा तोड़ दिल को लगा केअपनी दीवानी को बिरहन बना के।। दिल से चैन छीन लिया नैनो से निंदियाधू मिल पड़ी श्याम … Read more