बाबा ने मंतर मार दिया इब के चाहिए के चाहिए

जय जय श्याम, जय जय श्याम,बाबा ने मंतर मार दिया,इब के चाहिए के चाहिए,मेरा बाबा लखदातार,इसने करा बड़ा उपकार,अब मैं इससे ज़्यादा के कहूँ,मेरा बेड़ा पार उतार दिया,ईब के चाहिए के चाहिए,बाबा ने मंतर मार दिया,इब के चाहिए के चाहिए।। पहले थे बड़ी कंगाली,इब छाई है ख़ुशहाली,बाबा ने जो बांह पकड़ी,दिन हौली रात दीवाली,मेरा बिगड़ा … Read more