बाबा थारे रूप के आगे म्हाने चंदा फीको लागे
थानें निरख निरख कालजडों हरख हरख हर्षावें जी,थारी सूरत आगे बाबा रास नहीं कुछ आवे जी,ओ साँवरियाँ कामण थारो प्रेम को रोग लगावे जी,इक ही चित्त में प्रेम यो तारों सैंकड़ो बार चुरावे जी,सैंकड़ो बार चुरावे जी,बाबा थारे रूप के आगे म्हाने चंदा फीको लागे,श्याम, रूप थारों दिल में समां गयो,ओ, रूप थारों दिल में … Read more