बड़ा ही पावन है मन भवन श्रवण का सोमवर है
भोले जय हो महाकालजय मेरे महाकाल भोले शिव शंभु।। बड़ा ही पावन है मन भवन श्रवण का सोमवर हैकलो के ये वो महाकाल है पूजे जिनहेन संसार है।। मस्तक पर है चंद्रमा बहे गंगा की धारातन पे भस्मी रामायण है पाने बाघंबर प्यारासर्पो का हर है दिव्य श्रृंगार है।। कानो में बिच्छू के कुंडलहाथो में … Read more