रोम रोम में राम है जिनके
रोम रोम में राम है जिनकेहर गुन जो नित गायेसंकट मोचन राम लला केप्यारे भक्त कहाएजय हो बजरंगी जय हो महावीरजय पवन सुत जय जय हनुमान।। बालक पान में गेंद समाजनिगल लिया सूरज को अंधाकार में डूबा दियातीनो लोक और चौदह भुवन को जब छ मास तक हुए ना रोशनीसब देवता गण घबराए मच गई … Read more