बाला जी पूंछ तुम्हारी
बाला जी पूंछ तुम्हारी,दिखने में छोटी सीलेकिन काम करे ये भारी,बाला जी पूंछ तुम्हारी।। जब असुरो ने रोकातुम को वन अशोक के अंदर,इसी पूंछ में लिपटायेऔर मारे कई धुरंधर,बाला जी पूंछ तुम्हारी,सब की छूटी कर डाली,ये बाला जी पूंछ तुम्हारी।। रावण ने दरबार मेंतुम को दिया न कोई आसान,पूंछ ने उचा रावण सेतेरा बना दिया … Read more