बरस रही है राम रस भक्ति लूटन वाले लूट रहे
बरस रही है राम रस भक्ति लूटन वाले लूट रहेपाते हैं जो हरी के बंदे छूटन वाले छूट रहेबरस रहीं है राम रस भक्ति लूटन वाले लूट रहे।। कोई पीकर भया बावरा कोई बैठा ध्यान करें हैकोई घर घर अलख जगाए कोई चारों धाम फिरेे हैपाते है जो हरी के बन्दे छूटन वाले छूट रहे … Read more