बेटी हूँ तो क्या बेटे से ज्यादा फर्ज निभाऊंगी
माना कठिन डगर है मेरी,पर मंजिल पा जाउंगी,बेटी हूँ तो क्या बेटे से,ज्यादा फर्ज निभाऊंगी।। आए जो कभी समय बुरा तो,याद मुझे तुम कर लेना,मत कमजोर समझना खुद को,आँख ना आंसू भर लेना,बनकर लाठी संग आपके,बनकर लाठी संग आपके,खड़ी नज़र मैं आउंगी,बेटी हूं तो क्या बेटे से,ज्यादा फर्ज निभाऊंगी।। मत मारो मुझे कोख में मम्मी,इस … Read more