भजले प्यारे सांझ सवेरे इक माला हरी नाम की

भजले प्यारे सांझ सवेरे इक माला हरी नाम कीजिस माला में राम नही है वो माला किस काम कीभजले राम सिया राम राधे श्याम सीता राम।। नाम के बल पर अंगद जी ने रावन को ललकारा थालेकर नाम प्रभु का उसने सबा में प्यार जमाया थामहिमा अपर पार है प्रभु राम चंदर भगवान कीभजले राम … Read more