भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो
गंगा से गंगा जल भरकेकांधे शिव की कावड़ धारकेभोले के दर चलो लेके कावड़ चलो सावन महीन का पवन नज़रअधभूत अनोखा है भोले का द्वारसावन की जब जब बरसे है बदरियाझूमे नचे और बोले कावड़ियांभोले के दर चलो लेके कावड़ चलो रास्ता कथा है और मुश्किल डागर हैभोले के भक्तों को ना कोई डर हैरहो … Read more