राधा ऐसी भयी श्याम की दीवानी की बृज की कहानी हो गयी

राधा ऐसी भयी श्याम की दीवानी,की बृज की कहानी हो गयीएक भोली भाली गौण की ग्वालीन ,तो पंडितों की वानी हो गई राधा न होती तो वृन्दावन भी न होताकान्हा तो होते बंसी भी होती,बंसी मैं प्राण न होतेप्रेम की भाषा जानता न कोई कनैया को योगी मानता न कोईबीन परिणय के देख प्रेम की … Read more