चुनरी के पल्ले से माँ धन बरसाती है
चुनरी के पल्ले से माँ धन बरसाती हैबड़ा ही सांचा है साचा है मैया का दरबारमैया भारती है भक्तो का दरबारअपना झंडा गाड़ के दरबार लगती हैचुनरी के पल्ले से माँ धन बरसाती है बानिया दरबार का सवली तूकभी भी जाएगा ना खाली तूयही जगदांबे राज रानी हैलेके जाए पूजा की एक थाली तूजितना चाहो … Read more