धन्य धन्य हो भाग हमारे रिद्धि सिद्धि के दाता पधारे

एक दन्तम महाकायमलंबोदर गजाननम्विघनाश करम देवमहे रामबं प्रमामायहम्।। धन्य धन्य हो भाग हमारेरिद्धि सिद्धि के दाता पधारेप्रथम पूजनिये जिन्हे पुकारेगण गणपति गजानन हमारेधन्य धन्य हो भाग हमारे।। विघन रजम विघन विनाशनविघय विनाशक विघ्नेशराम।। होंगे औलिक सारे काजसच्चे मन से ध्यावे ध्यानधन्य धन्य हो द्वार हमारेरिद्धि सिद्धि के दाता पधारे।। विद्यावर्ती स्वरपूमग्वारी पुत्र गणराजमहोगा मौलिक पूरा … Read more