एक ही मलिक की छाया है मंदिर भी मस्जिद पे

एक ही मलिक की छाया है मंदिर भी मस्जिद पेएक ही नूर है सबके समय मंदिर पे मस्जिद पे।। एक ही धरती पर रहते हैं एक ही पानी पीते हैंएक ही पुरवाई का झोका मंदिर पे भी मस्जिद पेएक ही मलिक की छाया है मंदिर भी मस्जिद पे।। आसमान में उड़ते पंछी सिखले हम मानव … Read more