जब से आया मैं तेरे दरबार सँवारे
जब से आया मैं तेरे दरबार सँवारे,तूने इतना दिया है मुझे प्यार सँवारे,नहीं बुलु कभी भी मैं तेरे उपकार सँवारे।। छोटी छोटी खुशियों को भी तरस ते थे,दिल ही दिल में कन्हियान हम तपड़ ते थे,मेरा दिल भी यही कहता है हर बार सँवारे,जब से आया मैं तेरे दरबार सँवारे।। जब से तुमसे कन्हियान मेरी … Read more