गणपति मेरी बिगड़ी बना दो काट दो मेरे गम के ये साये
सुना है तेरे दरबार में तकदीर बादल जाति हैयही उम्मिद लेकर तो हम भी चले आए हैं।। गणपति मेरी बिगड़ी बनादो काट दो मेरे गम के ये सायेलेके फरियाद डार पे खड़ी हूं बस तुम्ही तुम हो मेरे सहाएगणपति मेरी बिगड़ी बनादो काट दो मेरे गम के ये साये।। गणपति मेरी बिगड़ी बना दो काट … Read more