गौरा के लाल गणपत मन को लुभा रहे है
मूषक पे बैठे बैठेक्या मुस्कुरा रहे हैगौरा के लाल गणपतमन को लुभा रहे है।। चरणों में सिर झुका केजो माँगा वो मिल गया हैवो रिद्धि सिद्धि दाताकृपा लूटा रहे है।। Musak Pe Baithe BaitheKya Muskura Rahe HaiGoura Ke Laal GanpatMan Ko Lubha Rahe Hai Charno Mein Sir Jhuka KeJo Manga Vo Mil Gaya HaiVo Riddhi … Read more