गोरा के संग ओ भोले बाबा बैठे है पर्वत पे लगते है प्यारे

गोरा के संग ओ भोले बाबा बैठे है पर्वत पे लगते है प्यारे,कैसी अलोकिक है उनकी जोड़ी उनका बने जो भी उनको निहारे,गंगा माँ बेहती है उनकी जटा से चंदा को अपने मस्तक पे धारे,कोई न जाने कया है उनकी माया जग में रहे पर वो जग में है न्यारे।। भगतो की नैया जो धोले … Read more