यह प्रेम सदा भरपूर रहे हनुमान तुम्हारे चरणो में
यह प्रेम सदा भरपूर रहे,हनुमान तुम्हारे चरणो में,यह अर्ज मेरी मंजूर रहे,हनुमान तुम्हारे चरणो में।। निज जीवन की यह डोर तुम्हे,सौंपी है दया कर इसको धरो,उद्धार करो ये दास पड़ा,हनुमान तुम्हारे चरणों में,यह प्रेम सदा भरपुर रहे,हनुमान तुम्हारे चरणो में।। संसार में देखा सार नहीं,तब ही चरणों की शरण गहि,भवबंध कटे यह विनती है,हनुमान तुम्हारे … Read more