हे भोले शंकर पधारो बैठे छिप के कहाँ

हे भोले शंकर पधारो बैठे छिप के कहाँ,गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ ।।महा सती के पति मेरी सुनो वंदना ,आओ मुक्ति के दाता पड़ा संकट यहाँ ।। बगीरथ को गंगा प्रभु तुमने दी थी,सगर जी के पुत्रों को मुक्ति मिली थी ,नील कंठ महादेव हमें है भरोसा है,इच्छा तुम्हारी बिना कुछ भी नहीं … Read more