भारत की जैसी माटी है कही भी नहीं
मन कहे रूक जा रे रूक जा, यह हसीन है जमीं,भारत की जैसी माटी, है कही भी नहीं,भारत की जैसी माटी, है कही भी नहीं।। अरे मन कहे झुक जा रे झुक जा, यह हसीन है जमीं,भारत की जैसी माटी, है कही भी नहीं।। यहाँ हिमालय जैसा पर्वत, शंकर का कैलाश,बहे जहाँ गंग की धारा,मथुरा … Read more