जा रहे हो तो जाओ ब्रज छोड़ कर सबका दिल तोड़ कर
मोह में मथुरा चल दिए छोड़ ब्रज गोकुल की गलीदो रथ की पहिया को पकड़ के राधा यूँ कहने लगीगर मैं ऐसा जानती की प्रीत किये दुःख होयेतो नगर ढिंढोरा पीटती की प्रीत ना कार्यो कोय जा रहे हो तो जाओ ब्रज छोड़ कर सबका दिल तोड़ करप्रेम ब्रिज सा कन्हैया नहीं पाओगे नहीं पाओगेजा … Read more