जगत है रैन का सपना समझ मन कोई नही अपना
जगत है रैन का सपना समझ मन कोई नही अपना Jagat Hai Rain Ka Spana Samajh Man Koi Nahi Apna मन लोभी मन लालची मानीमन चंचल मन चोरमन के मेट नही चलिएमन पालक पालक में और मन जावां तो जवान देभ्रड कन रखे शरीरबिन खेचन कमान केभाई कैसे लागे तीर मन गया सो सभी गयाऔर … Read more