मैं जीतके निकलू जय माता की उतनी चाहिए टूरी सी
मैं जीतके निकलू जय माता की उतनी चाहिए टूरी सी सोना चाँदी हीरे मोटी ढेर कमलूँगापैसे का पैसा तो मैं फेर कमलूँगानही चाहिए मुझको झूठी जी हुज़ूरीमैं जीतके निकालु जय माता कीउतनी चाहिए टूरी सी इतनी सी ख्वाहिश हैहर कोई प्रेम से मुझे निहारे माँ हर कोई माँ का दस लाड़ला माँकहके मुझे पुकारे माँफैला … Read more