झूला झूले सांवरिया सवान रे ऋतू आई

झूला झूले सांवरिया सवान रे ऋतू आई,मुरली भजाये मुरली वाला करि बदरी छाई,मेघा आज बरसो जी श्याम रंग बरसो जी,झूला झूले सांवरिया सवान रे ऋतू आई।। गोपियों की जब भीगी चुनरिया श्याम मंद मुस्काये,कंकर मार तोड़ गगरी को कान्हा खूब सताये,नाचे मोर बोले कोयलियाँ भवरा शोर मचायेमेघ मल्हार गाये सब मिल कर बादल गिर गिर … Read more