काहे घबराता है दिल और काहे उदास है
काहे घबराता है दिल और काहे उदास है,मुरलीधर मोहना दिल तेरे ही पास है।। ढूंढे ने की उसको क्या है दरकार,सामने खड़ा है तेरा श्याम सरकार,काहे को पुकार ता है जोर जोर से,खींचता क्यों नहीं इसे प्रेम डोर से,छोटी सी प्रेम कुटियाँ में इसका निवास है,काहे घबराता है दिल और काहे उदास है।। सांवला कन्हियाँ … Read more