श्रृष्टि के कण कण में राम
जल में राम, थल में राम,अंबर के आँचल में राम,श्री राम, जय राम, जय जय राम,श्री राम, जय राम, जय जय राम ।। चल में और अचल में राम,समय के हर एक पल में राम,श्री राम, जय राम, जय जय राम ।। चिंतन में आभास में राम,आती जाती सांस में राम,श्री राम, जय राम, जय … Read more