कर रही सोच विचार मालनिया दे रही गाली

कर रही सोच विचार मालनिया दे रही गाली,दे रही गाली कहे बिचारी,आज न जाने कोने बगिया उजाड़ी,कर रही सोच विचार मालनिया दे रही गाली।। एक वानर जाने कहा से आयो ना जाने कैसे घुस आयो,केसर क्यारी और फुलवारी चुन चुन के याने कलिया उखाड़ी,कर रही सोच विचार मालनिया दे रही गाली।। याने बड़ी उत्पात मचायो … Read more