कोई पीवे राम रस प्यासा

दादू पाती प्रेम की बिरला बाचे कोएदादू सेवक नाम प्रेम प्यास होये।। कोई पीवे राम रस प्यासागगन मंडल में अमृत बरसेउन्मुन घर बसाकोई पीवे राम रस प्यासा।। शीश उतार धरे गुरु के आयेजकरे ना टन की आशाऐसा आमिर बीकर हैछह ऋतु बारह मासा।। मोल करे सो चखे से डोरटोलत छूटे बसाजो पीवे सो जुग जुग … Read more