संतो की नागरी में एक पापी रहता था
संतो की नागरी मेंएक पापी रहता थामथुरा की नागरी में।। अग्रासेन पिता कंस केलालसा में राज पाठ केउनको भी क़ैद किया।। अभी मन के वश में था वोभूल गया भक्ति कोअत्याचारी बड़ा था वो।। वासुदेव की थी मित्रतावादा निभाने को दियाहाथ बेहन देवकी का।। संतो की नगरी मेंएक पापी रहता थामथुरा की नागरी में।। Santo … Read more