लाऊँ कहां से भोलेनाथ तेरी भंगिया
लाऊँ कहां से भोलेनाथ तेरी भंगियाधुंध धुंध मैं तो हर गयामैं तो हर गया मिली ना तेरी भंगियालाऊँ कहां से भोलेनाथ तेरी भंगिया।। छप्पन भोग छतीसों व्यंजनआप कहो झट से ल्यौनचंडी के पटो पर बैठोकंचन थल मैं सजवांमनो मनो जी भंगिया के रसियामनो मनो जी भंगिया के रसियामिली ना तेरी भंगियालाऊँ कहन सेभोलेनाथ तेरी भंगिया।। … Read more