माँ तो ममता की मूरत है सबसे हसी
अंबे तू मेरी स्वामिनी मैं तो तेरा दासज़मन जनम मोहे दीजिएअपने चरणों में वास।। माँ तो ममता की मूरत है सबसे हसीमाँ के जैसा कही भीमाँ के जैसा कही भी ठिकाना नही।। माँ तू ममता की मूरत है सबसे हसीमाँ के जैसा कही भी ठिकाना नही।। ब्रह्मा विष्णु शंकर नेतेरे आगे शीश झुकायाजगदाम्बे तू है … Read more