कान्हा बजाये बाँसुरी यमुना रही है निहार

जय जय हे राधा रमणजय जय नवल किशोरजय गोपी चितचोर प्रभुजय जय माखन चोर।। कान्हा बजाये बाँसुरी यमुना रही है निहारबोलो रे भाई जय श्री कृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण आजा रे कृष्ण।। श्याम वरण नैन कमल रूप है प्याराशीट लहार ठंडी पवन यमुना की धाराऐसी छठा देखि नहीं हमने दोबाराखोज खोज मेरा ये दिल अब तो … Read more