मैं जान्यो नाहीं हरि से मिलण कैसे होया
मैं जान्यो नाहीं हरि से मिलण कैसे होयाहरी से मिल्न कैसे होया प्रभु से मिलन कैसे होयामैं जान्यो नाहीं हरि से मिलण कैसे होया।। आये मेरे सजना फिर गये अंगना,मैया फागन रेह गई सोईमैं जान्यो नाहीं हरि से मिलण कैसे होया।। वारु गी चीर करु गल कंठामैं रहूगा वैरागन होएमैं जान्यो नाहीं हरि से मिलण … Read more