मैं कब बना संसारी मुझे होश ना था

मैं कब बना संसारी मुझे होश ना था Main Kab Bana Sansaari Mujhe Hosh Na Tha मैं कब बना संसारी मुझे होश ना था,मेरा निर्मल निर्मल मन था कोई दोष ना था,मेरा निर्मल निर्मल मन था कोई दोष ना था।। जैसा मुझे ज्ञात हुआ मन उलझाया है,माया ने कैसा कैसा रंग दिखाया है,परम पिता का … Read more