मैं क्या जानू मेरे रघुराई तू जाने मेरी किस में भलाई

मैं क्या जानू मेरे रघुराई, तू जाने मेरी किस में भलाईसहारा तेरा रे, ओ साईं।। सारे द्वारे छोड़ भगवन आज मैं तेरे द्वारे आया ।बाह पकड़ लो अब तो ठाकुर, तेरे दर पर शीश झुकाया ।इस दुनिया की भीड़ भाड़ में, तेरा ही आधार ।।सहारा तेरा रे, ओ साईं।। तू हो पारस जिस को छूकर … Read more