मैं पाप का पुतला हु तू दया की मूरत है
मैं पाप का पुतला हु तू दया की मूरत है,मैं याचक तू दानी मुझे तेरी जररूत है,मैं पाप का पुतला हु तू दया की मूरत है।। संसार कहु दाता माया में लिपटा हु,पग पग पे कपट करू पापो में उलझा हु,मैं भूल गया चलती याहा तेरी अदालत है,मैं पाप का पुतला हु तू दया की … Read more