मैं शिव हूँ
जो शांत होके गुंजता,हां मैं ही तो वो शोर हूँ,आकाश हूँ पाताल भी,मैं सुखसम हूँ विशाल भी,शिव हूँ, शिव हूँ ,शिव हूँ।। पतन हूँ मैं विकास हूँ,तमाश हूँ मैं प्रकाश हूँ,रुद्र हुं निगल लू सब,हां मैं ही वो विनाश हूं,मैं खंड हुं मैं अखंड भीप्रचंड हुं मैं, मैं ही शांति,मैं शिव हुं, मैं ही तो … Read more