श्याम जी का करने दीदार चली रे

श्याम जी का करने दीदार चली रेमैं तो अपने बाबा के द्वार चली रेबाबा श्याम धनि सरकार कीमैं बोलती जय जयश्याम जी का करने दीदार चली रेमैं तो अपने बाबा के द्वार चली रे।। ना मैं किसी के रोके रुकूगीग्यारास के दिन मैं दर्शन करुगीनिकली हु घर से करके यत्नआँखों में लेके खुमार चली रेमैं … Read more