मन के मंदिर में प्रभु को बैठाना
मन के मंदिर में प्रभु को बैठानाबात हर एक के बस की नहीं हैखेलना पड़ता है जिंदगी सेआशिकी इतनी सस्ती नहीं है।। प्रेम मीरा ने मोहन से डालाउसको पीना पड़ा विष का प्यालाजब तलक ममता जब तलक ममताजब तलक ममता है ज़िन्दगी सेउसकी रहमत बरसती नहीं हैमन के मंदिर में प्रभु को बैठानाबात हर एक … Read more